Option Buying Kaise Kare | 2024 में ऑप्शन बाइंग से पैसे कैसे कमाए

नमस्कार दोस्तों, क्या आप ऑप्शन बाइंग करना सीखना चाहते हैं और ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसा कमाना चाहते हैं? तो आज के इस लेख में हम Option Buying Kaise Kare इसके बारे में जानेंगे।

इसके साथ ही इस लेख में आपको यह भी पता चलेगा कि नये लोगो को ऑप्शन बाइंग सीखने में कितना समय लग सकता है, और आप ऑप्शन बाइंग करते समय किन रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं इसके बारे में भी जानेगे। इसलिए, इस लेख को अंत तक और ध्यान से पढ़ें ताकि आप ऑप्शन बाइंग से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी पाने से चूकें ना सके।

लोग ऑप्शन बाइंग करने तक कैसे पहुंचते है?

शेयर बाज़ार में कोई भी नया व्यक्ति पैसा कमाने के लिए सीधे ऑप्शन बाइंग या ऑप्शन सेलिंग का विकल्प नहीं चुनता उसे यहाँ तक पहुंचने में कई दिनों का समय और जाने अनजाने कई प्रकिर्या से होकर गुजरना पड़ता है।

सबसे पहले वह शेयर बाजार में मौजूद स्टॉक के बारे में जानकारी हासिल करता है कि यह क्या है, कैसे काम करता है और इससे पैसे कैसे कमाए जा सकते हैं। फिर जाकर इसमें कुछ पैसे निवेश करता है और फिर देखता है कि क्या वाकई में इससे पैसा कमाया जा सकता है।

निवेश के दौरान वह कई तरह के ट्रेडिंग टर्म के बारे में सीखता है जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है, स्विंग ट्रेडिंग क्या है, पोसिशनल ट्रेडिंग क्या है और स्कल्पिंग ट्रेडिंग क्या है यह कुछ ऐसे ट्रेडिंग टर्म है जिसके जरिए आप शेयर मार्केट में पैसे लगाते है और यह ट्रेडिंग टर्म हर तरह की ट्रेडिंग में लागु होते है अब चाहे वह ऑप्शन ट्रेडिंग हो, स्टॉक ट्रेडिंग हो, कमोडिटी ट्रेडिंग हो, क्रिप्टो ट्रेडिंग हो या फिर फोरेक्स ट्रेडिंग हो

आपको बता दू की आपने जो शुरू में स्टॉक में इन्वेस्टिंग की थी वह स्टॉक ट्रेडिंग में ही आती है

निवेश के दौरान आपको इंडेक्स के बारे में पता चलता है और फिर आप इसके बारे में जानकारी हासिल करते है कि इंडेक्स क्या है यह कैसे काम करता है और आप इससे पैसे कैसे कमा सकते है यहाँ पर आपको कुछ ऐसे तरीके मिलते है जिसको सही से किया जाये तो आप कम समय में अधिक पैसे बना सकते है और इस तरीका का नाम से ऑप्शन ट्रेडिंग है ऑप्शन ट्रेडिंग को दो तरीको से की जाती है एक ऑप्शन बाइंग और दूसरा ऑप्शन सेलिंग

ऑप्शन बाइंग कम पैसे से शुरू की जा सकती है, जिसके कारण इसमें कम पैसे का जोखिम होता है, लेकिन इसमें पैसे कमाने की सम्भावना 30 से 40% ही होती हैं।

ऑप्शन सेलिंग शुरू करने के लिए अधिक पैसे की आवश्यकता होती है, जिसके कारण इसमें जोखिम अधिक होता है, लेकिन इसमें पैसा कमाने की संभावना अधिक होती है।

लेकिन इसके बावजूद ज्यादातर लोग ऑप्शन सेलिंग की जगह ऑप्शन बाइंग करते हैं क्योंकि इसे कम निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है।

आज के इस लेख में हम ऑप्शन बाइंग के बारे में ही जानेगे ऑप्शन सेलिंग के लिए हम एक अलग से लेख तैयार करेंगे और उसमे ऑप्शन सेलिंग कैसे करे के बारे में विस्तार से बात करेंगे चलिए अभी ऑप्शन बाइंग कैसे करे इसके बारे में जानते है

ऑप्शन बाइंग कैसे करे

ऑप्शन बाइंग के लिए, आपके पास एक ट्रेडिंग खाता होना चाहिए। यदि नहीं है, तो आप Upstox, Zerodha, Groww, Angle One या किसी अन्य ब्रोकर या डिस्काउंट ब्रोकर के माध्यम से अपना ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं। नीचे कुछ चरण दिए गए हैं जिनके द्वारा आप ऑप्शन बाइंग करना सीख सकते हैं। इनको फॉलो करे।

Step 1: सबसे पहले, अपने ट्रेडिंग खाते में लॉग इन करें। लॉग इन करने के बाद डिस्कवर या वॉचलिस्ट विकल्प पर जाएं। यहां आपको बैंक निफ्टी और निफ्टी जैसे कुछ इंडेक्स दिखाई देंगे। यदि यहां कोई इंडेक्स दिखाई नहीं दे रहा है, तो आपको सर्च बार में बैंकनिफ्टी, निफ्टी या किसी अन्य इंडेक्स या स्टॉक को सर्च करना होगा जिसमें आप ऑप्शन बाइंग चाहते हैं।

Step 2: यहां मैंने निफ्टी का चयन किया है; निफ्टी पर क्लिक करते ही आपके सामने एक नया इंटरफ़ेस खुल जाएगा। यहां आपको कई और विकल्प देखने को मिलेंगे जैसे Summary, Chart, Option chain, Strategies आदि। ये विकल्प अलग-अलग ट्रेडिंग खातों में कम या ज्यादा दिखाई दे सकते हैं। सबसे पहले आपको चार्ट विकल्प पर क्लिक करना होगा।

Step 3: चार्ट में आप अक्सर कैंडल चार्ट देखेंगे। यह कैंडल चार्ट आपको निफ्टी की वर्तमान कीमत और ऐतिहासिक कीमत दिखाता है, जिससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि इसकी कीमत ऊपर या नीचे जा रही है। यदि कीमत कम हो रही है, तो आप Sell बटन पर क्लिक करें, और यदि कीमत बढ़ जाती है, तो आप Buy पर क्लिक करें।

Step 4: मान लीजिए कि कीमत बढ़ रही थी, इसलिए हमने Buy पर क्लिक किया। Buy पर क्लिक करते ही आपके सामने ऑप्शन चेन डेटा खुल जाता है, जहां आप कई स्ट्राइक प्राइस देख सकते हैं। यह स्ट्राइक मूल्य ATM, OTM और ITM में विभाजित है; आपको ATM स्ट्राइक प्राइस का चयन करना होगा क्योंकि इससे पैसे कमाने की अधिक संभावना है। स्ट्राइक प्राइस का चयन करने से पहले, आपको expiry date का चयन करना होगा, जो वह तारीख है जिस दिन ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो जाएगा।

Step 5: स्ट्राइक प्राइस का चयन करने के बाद, आपको क्वांटिटी वाले विकल्प में कितने लॉट में ट्रेड करना है यह दर्ज करना होगा। मेरी राय है कि अगर आप नए हैं तो आपको एक लॉट से शुरुआत करनी चाहिए जिससे आपका पैसा कम लगेगा और आपका नुकसान भी कम होगा। इसके बाद आपको लिमिट ऑर्डर या मार्केट प्राइस ऑर्डर का चयन करना होगा। नीचे आपको स्टॉप लॉस सेट करने का विकल्प दिखाई देगा; यहां आपको वह कीमत लिखनी है जिस पर आप नुकसान उठा सकते हैं, और उसके बाद ऑर्डर को कन्फर्म करें।

Step 6: आपका ऑर्डर प्लेस होने के बाद, आप पोर्टफोलियो सेक्शन में इस ऑर्डर की स्थिति देख पाएंगे। यहां आपको आपके द्वारा लिए गए सभी ट्रेडों का लाभ और हानि दिखाई देगी। इसके साथ ही अगर आप ट्रेड से बाहर निकलना चाहते हैं तो आपको इस पर क्लिक करना होगा। नीचे आपको Add More और Exit के विकल्प दिखाई देंगे। आपको एग्जिट पर क्लिक करना होगा। इसके बाद एक और इंटरफेस खुलेगा और यहां आपको कई विकल्प दिखाई देंगे। यदि आप तुरंत बाहर निकलना चाहते हैं, तो Exit पर क्लिक करें, और आप अपने व्यापार से लाभ या हानि के साथ बाहर निकल जाएंगे, और आपका ट्रेड समाप्त हो जाएगा।

ऑप्शन बाइंग की कुछ बुनियादी अवधारणाएँ

option buying करने से पहले आपको इसके कुछ बेसिक के बारे में पता होना चाहिए जो आपको ऑप्शन बाइंग समझने और करने में मदद कर सकती है जैसे:

  • ATM, OTM और ITM क्या है
  • Call और Put ऑप्शन क्या है
  • expiry date क्या होता है
  • limit order क्या होता है
  • stop-loss क्या होता है

ATM, OTM और ITM क्या है इनके बारे में जाने

ATM का फुल फॉर्म At The Money है, और यह उस स्ट्राइक प्राइस को संदर्भित करता है, जो मौजूदा बाजार प्राइस के करीब है। इसे एक उदाहरण से समझे तो, मान लेते हैं कि निफ्टी की मौजूदा प्राइस 19,340 है तो इसके ATM की प्राइस 19,400 और 19,300 होगी।

OTM का फुल फॉर्म Out Of The Money है, और यह उस स्ट्राइक प्राइस को संदर्भित करता है जो मौजूदा बाजार प्राइस से ऊपर है। अगर हम इसे एक उदाहरण से समझें तो मान लें कि निफ्टी की मौजूदा कीमत 19,340 चल रही है, तो इसके OTM की कीमत 19400, 19500, 19600, 19700 आदि होगी।

ITM का फुल फॉर्म In The Money है, और यह उस स्ट्राइक प्राइस को संदर्भित करता है, जो मौजूदा बाजार मूल्य से नीचे है। इसे एक उदाहरण से समझने के लिए मान लेते हैं कि निफ्टी की मौजूदा कीमत 19,340 चल रही है, तो इसकी ITM की कीमत 19300, 19200, 19100, 19000 आदि होगी।

Call और Put ऑप्शन क्या है इसके बारे में जाने

Call और Put का मतलब है खरीदना और बेचना। Call और Put को CE और PE भी कहा जाता है। कॉल और पुट को एक उदाहरण से समझें, तो यदि आप ऑप्शन बाइंग में खरीदारी का व्यापार करना चाहते हैं, तो आपको सर्च में निफ्टी 19400 call या निफ्टी 19400 CE सर्च करना होगा, इसके विपरीत आपको सेल में भी Put या फिर PE लगाकर सर्च करना होगा।

इसमें आप बिना कोई चार्ट खोले सीधे उस स्ट्रीक प्राइस पर व्यापार करने के लिए पहुंच सकते हैं। सर्च में आपको एक ही स्ट्रीक प्राइस के कई सारे ट्रेड दिखेंगे बस इनमे अंतर इतना होगा की इनकी एक्सपायरी डेट अलग अलग होगी जिस भी एक्सपायरी के लिए आप ट्रेड करना चाहते है आप उसको सेलेक्ट कर सकते है

Expiry Date क्या होता है इसके बारे में जाने

Expiry date वह तिथि है जिस दिन ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी होती है इस दिन इस कॉन्ट्रैक्ट की प्राइस 0 के बराबर हो जाती है यह Expiry weekly और monthly बेसिस पर हर गुरुवार और शुक्रवार को होती है और एक एक्सपायरी के समाप्त होने से पहले कई और एक्सप्रिय बनकर तैयार हो जाती है

इसे एक उदाहरण से समझे तो मान लेते है की आपने किसी ट्रेड को weekly Expiry पर लिया है और इसकी Expiry में अभी 4 दिन बचे है तो आज के दिन निफ़्टी के करंट प्राइस का प्रीमियम मेहगा होगा और यह जैसे जैसे एक्सपायरी के नजदीक जायेगा तो इसके प्रीमियम की वैल्यू कम होती जाएगी ऐसा इसलिए क्योकि यहाँ पर टाइम डीके हो रहा है मतलब समय कम हो रहा है जिसकी वजह से इसके प्रीमियम की कीमत कम हो रही है और यह एक्सपायरी तक जाते जाते 0 के नजदीक आ जाती है

टाइम डीके क्यों होता है इसके लिए आपको ऑप्शन ग्रीक्स के बारे में जानकारी हासिल करनी होगी जो इसकी गणना करते है

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